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Showing posts from July, 2017

पपीते के पत्ते 3rd और 4th स्टेज के कैंसर को सिर्फ 35 से 90 दिन में सही कर सकते हैं

Papeete ke patte cancer ko kar sakte hai sahi अभी तक हम लोगों ने सिर्फ पपीते के पत्तों को बहुत ही सीमित तरीके से उपयोग किया होगा, बहरहाल प्लेटलेट्स के कम हो जाने पर या त्वचा सम्बन्धी या कोई और छोटा मोटा प्रयोग. मगर आज जो हम आपको बताने जा रहें हैं, ये वाकई आपको चौंका देगा, आप सिर्फ 5 हफ्तों में कैंसर जैसी भयंकर रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं. और ये कोई ऐसी ही कॉपी पेस्ट नहीं है, ये प्रकृति की शक्ति है और हमारे श्री बलबीर सिंह शेखावत जी की स्टडी है जो वर्तमान में as a Govt. Pharmacist अपनी सेवाएँ सीकर जिले में दे रहें हैं. आपके लिए नित नवीन जानकारियां लेकर आते हैं. तो आइये जानते हैं उन्ही से. Papaya leaf for cancer treatment:- कई प्रकार के वैज्ञानिक शोधो से पता लगा है कि पपीता के सभी भागो जैसे फल, तना, बीज,  पत्तिया, जड़ सभी के अन्दर कैंसर की कोशिका को नष्ट करने और उसके वृद्धि को रोकने की क्षमता पाई जाती है। विशेषकर पपीता की पत्तियों के अन्दर कैंसर की कोशिका को नष्ट करने और उसकी वृद्धि को रोकने का गुण अत्याधिक पाया जाता है। University of florida ( 2010) और International doctors and re

बेकिंग सोडा और शहद दिला सकता है केंसर से छुटकारा

ये सुनने में बड़ा ही विचित्र लगता है के बेकिंग सोडा और शहद को एक साथ मिला कर लेने से कैंसर के सेल नष्ट हो जाते है , जब के हमें पता है के केंसर के सेल शुगर और तेजाबी वातावरण में जल्दी विकसित होते है | लेकिन इस मामले में शूगर आपके लिए हानिकारक नहीं बल्कि लाभकारी साबित होगी |  बेकिंग सोडा शुगर को केंसर के सेल्स पर बेअसर कर देता है| शहद(Honey) तथा मेपल सिरप (Maple Syrup) को कैंसर  सेल्स के विपरीत माना जाता है| इन की वजह से  बेकिंग सोडा(Baking Soda) कैंसर  सेल्स के अंदर जा कर कैंसर सेल्स को धीरे धीरे नष्ट कर देता है | सामग्री – 1.बेकिंग सोडा(Baking soda) · 2.शहद(Honey) या मेपल सिरप (Maple Syrup) विधि – एक भाग बेकिंग सोडा और ३ भाग शहद या मेपल सिरप के लीजिये और इन्हें  अच्छी  तरह से मिला लीजिए जब यह चिकना मिश्रण बन जाये तो इसे कम तापमान में लगबग 10 मिनटों तक पकाए .पकने के बाद आपका केंसर रोधक मिश्रण तैयार है | दिन में 3 चमच लगातार एक महीने तक इस मिश्रण का सेवन कीजिए

48 घंटे में कैंसर का सफाया…जानिए चमत्कारिक दवा

कैंसर किे मरीजों पर 25 वर्षों के शोध के बाद केलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के मेडिकल फिजिक्स एवं साइकोलॉजी के सीनियर प्रोफेसर डॉ. हर्डिन बी जॉन्स का कहना है कि कैंसर के इलाज के तौर पर प्रयोग की जाने वाली कीमोथैरेपी कैंसर पीड़ित मरीज को दर्दनाक मौत की तरह ले जा सकती है। 1.अंगूर के बीजों का सत्व:- हाल ही में हुए एक शोध में यह बात साबित हुई है कि अंगूर के बीजों का सत्व या अर्क ल्यूकेमिया और कैंसर के अन्य प्रकारों को बहुत ही सकारात्मक ढंग से ठीक करने में बेहद मददगार साबित होता है। शोध में यह साबित हो चुका है कि अंगूर के बीज सिर्फ 48 घंटे में हर तरह के कैंसर को 76 प्रतिशत तक विकीर्ण करने में सक्षम है। अमेरिकन एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक कैसर रिसर्च के अनुसार अगूर के बीज में पाया जाने वाला जेएनके प्रोटीन, कैंसर कोशिकाओं की विकीर्णों को नियंत्रित करने का काम करता है। तो अब अच्छी सेहत के लिए सिर्फ अंगूर का ही सेवन न करें बल्कि इसके चमत्कारिक बीजों से भी दोस्ती करें। कैंसर के इलाज के तौर पर अंगूर के बीज काफी कारगर घरेलु उपाय है। 2. (rhubarb) का पौधा:- रूबर्ब पौधा जिसे रेवतचीनी और रेवन्दच

भारतीय पीपली से होगा कैंसर का इलाज, तीन हजार साल पुराना है ये मसाला

प्रमुख भारतीय मसालों में शामिल पीपली कैंसर का इलाज करने में सहायक हो सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि यह मसाला घातक बीमारी को नियंत्रित करने में प्रभावी है। इसका इस्तेमाल कैंसर की प्रभावी दवा तैयार करने में किया जा सकता है। कैंसररोधी रसायन :-   अमेरिका स्थित यूटी साउथ-वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने भारतीय पीपली के पौधे में कैंसररोधी गुण पाए। उन्होंने अपने अध्ययन में पीपली के कैंसरोधी गुणों के लिए जिम्मेदार रासायनिक प्रक्रिया को उजागर किया। शोधकर्ताओं ने कहा, पीपली में ऐसा एक रसायन पाया गया, जो शरीर में उस एंजाइम का उत्पादन नहीं होने देता, जो आम तौर पर बड़ी संख्या में ट्यूमर में पाया जाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस रसायन को पीपरलोंगुमाइन (पीएल) कहते हैं। कई प्रकार के कैंसर में इसके औषधीय गुण प्रभावी दिखे। स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े, बड़ी आंत, आमाशय आदि में होने वाले कैंसर को नियंत्रित करने में यह उपयोगी पाया गया। लिंफोमा और ल्यूकेमिया जैसे रक्त से जुड़े कैंसर और मस्तिष्क में होने वाले शुरुआती ट्यूमर के उपचार में भी यह लाभकारी रहा। जीन पर निशाना :- पीपली का औषधीय मसाले

बिना मेडीकल ट्रीटमेंट के चौथे स्‍टेज पर पहुंचे कैंसर से इस महिला ने ऐसे जी‍ती जंग…

cancer:- कैंसर एक गंभीर रोग है, इससे जान भी जा सकती है। अनियमित खानपान और अस्‍वस्‍थ दिनचर्या के कारण दिन-प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। कैंसर अगर शुरूआती स्‍टेज में हो तो इसका उपचार आसान माना जाता है, लेकिन अगर यह चौथे यानी लास्‍ट स्‍टेज में पहुंच जाये तो उपचार बहुत मुश्किल और दर्दनाक होता है। क्‍योंकि इस स्‍टेज में कीमोथेरेपी और सर्जरी से मरीज का उपचार किया जाता है। लेकिन प्रकृति में हमारे आसपास कई ऐसे आहार मौजूद हैं जिनके सेवन से कैंसर के लास्‍ट स्‍टेज में पहुंचने के बाद भी बिना सर्जरी और कीमोथेरेपी के कैंसर को दूर किया जा सकता है। ऐसी ही एक मिसाल पिछले दिनों सामने आयी जो चौंकाने वाली थी। आइए जानते हैं उसके बारे में — एन कैमरून (Ann Cameron) एन कैमरून (Ann Cameron) एक ऐसी महिला हैं जो कैंसर के लास्‍ट स्‍टेज तक पहुंच गईं थी। ऐसे में उनके सामने केवल एक ही रास्‍ता था कीमोथेरेपी। लेकिन उन्‍होंने कीमोथेरेपी न करवाकर अपने लिए दूसरा रास्‍ता ईजाद किया और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को आसानी से हरा दिया। जीं हां, भले ही यह बात आपको अजीब लगे लेकिन एन कैमरून ने रोज ए

बवासीर के घरेलु नुस्खे | Piles Ka Ilaj In Hindi

133ca173184cdcc5898479963bf6a465d2ac7a48aea02dde25 Piles (Bawaseer) Ka Gharelu Ilaj (Upay) In Hindi बवासीर की बीमारी को पाइल्स भी कहते है, यह कभी भी किसी को भी हो सकती है| विशेषकर ये 50 की उम्र के बाद होती है| बवासीर मल में होने वाली परेशानी है, जो एक खतरनाक बीमारी है, जो इन्सान को काफी कष्ट देती है| बवासीर बीमारी 2 तरह की होती है – 1)अंदरूनी – इसमें नस की सुजन दिखाई नहीं पढ़ती, लेकिन उसे महसूस किया जा सकता है| 2)बाहरी – इसमें सुजन गुदे से साफ तौर पर दिखाई देती है| बवासीर में मलद्वार वाली जगह में खून की नसों में सुजन आ जाती है| जिससे इन्सान को नियमित कार्य करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है| बवासीर के कारण (Reason of Piles)     1.अनियमित दिनचर्या    2.अधिक तेल मसाले व मिर्च वाला खाना 3.पानी कम पीना   बवासीर के लक्षण:- 1.मलाशय में दर्द 2.शौच के समय खून आना 3.खुजली 4.चक्कर आना 5.थकान 6.भूख ना लगना 7.कब्ज यह बीमारी होने पर अधिकतर लोग डॉक्टर को दिखाने से कतराते है, शर्म के चलते वो कतराते है और फिर परेशानी बढती चली जाती है| इस परेशानी को हम घर पर आराम से ठीक कर सक